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मंत्री योगेंद्र प्रसाद केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल से मिले, जल जीवन मिशन के लिए लंबित राशि की मांग की

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द फॉलोअप डेस्क
राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत अपनी हिस्सेदारी के लिए केंद्र सरकार से त्वरित सहायता की मांग की है। मंगलवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात कर योजना के कार्यान्वयन में आ रही वित्तीय बाधाओं की जानकारी दी। मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि जल जीवन मिशन की प्रगति धन की कमी के कारण लगभग ठप हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने में संसाधनों की भारी कमी आ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस विषय में शीघ्र कार्रवाई की जाए। वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत 2114.16 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया था, परंतु राज्य को अब तक मात्र 70 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं। मंत्री ने यह भी मांग की कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भी आवश्यक राशि जल्द से जल्द जारी की जाए।


उन्होंने यह भी बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य के 62 लाख से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से जल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 34 लाख से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का लगभग 54.85 प्रतिशत है।


मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि योजना की शुरुआत 2019 में अनुमानित लागत 24,665.30 करोड़ रुपये के साथ हुई थी। इसमें केंद्रांश 12,257.83 करोड़ और राज्यांश 12,407.47 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। अब तक केंद्र सरकार द्वारा 5,987.46 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जबकि 6,270.37 करोड़ रुपये अभी लंबित हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार योजना के सभी कार्यों में केंद्र की गाइडलाइनों का पूर्ण रूप से पालन कर रही है।